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27 साल की पलक ब्रेनडेड हुई तो उसके अंगों से 5 लोगों को मिली नई जिंदगी

सूरत। गुजरात में 27 साल की युवती, जिसके मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम गया था, डॉक्‍टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। जिसके बाद पलक के घरवालों ने उसे अंगदान का फैसला लिया। पलक के गुर्दे, कलेजा और आंखें दान कर दी गईं, उनसे पांच लोगों को नया जीवन मिल गया है। बता दें कि, पलक एक शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थीं। बतया जा रहा है कि, बीते 11 सितंबर को रात 11:30 बजे सिर दर्द और उल्टी होने पर उन्हें वलसाड के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उन्‍हें सूरत के किरण अस्पताल ले जाया गया।

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ब्रेनडेड 27 वर्षीय पलक के अंगदान किए गए

किरण अस्पताल की ओर से अब बताया गया है कि, पलक नहीं रहीं। उनकी सीटी एंजियोग्राफी की गई थी, जिससे यह पता चला था कि पलक के मस्तिष्क की एक छोटी शिरा के फटने और मस्तिष्क में सूजन के कारण मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम गया था। 13 सितंबर को न्यूरोसर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर ने कुंडलित कर उसके रक्त प्रवाह को रोक दिया। उसके बाद उपचार चलता रहा। आखिर में 20 सितंबर को न्यूरोसर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर, न्यूरोफिजिशियन डॉ. हिना फल्दू, इंटेंसिविस्ट डॉ. दर्शन त्रिवेदी और चिकित्सा निदेशक डॉ. मेहुल पांचाल ने पलक को ब्रेनडेड घोषित किया। जिसके बाद परिजन रोने-बिलखने लगे। हालांकि, उन्‍होंने मानवता के हित में उसके अंगदान करने का फैसला लिया।

पलक के पति बोले- पलक यही चाहती थी

पलक के पति तेजस ने कहा कि, हम अक्सर अखबारों में अंगदान की खबरें पढ़ते रहते थे, मेरी पत्नी पलक भी कहती थी कि यह एक नेक कार्य है, सभी को अपने ब्रेन डेड रिश्तेदारों के अंगों का दान करना चाहिए, ताकि अंग खराब होने वाले रोगियों को एक नया जीवन मिल सके। मेरी पत्नी पलक ब्रेन डेड हो चुकी थी, इसलिए हमने तय किया कि उसके अधिक से अधिक अंग ऐसे रोगियों के लिए दान करेंगे, जिससे उनकी जानें बच सकें।

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वहीं, नीलेश मंडलेवाला ने अंगदान के लिए परिवार की सहमति मिलने के बाद स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (SOTTO) से संपर्क किया और किडनी और लीवर डोनेशन के लिए कहा। अंतत: स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन द्वारा सूरत के किरण अस्पताल को किडनी और लीवर आवंटित किए गए। डॉ. कल्पेश गोहिल, डॉ. जिग्नेश घेवरिया, डॉ. प्रमोद पटेल, डॉ. मुकेश अहीर और किरण अस्पताल की उनकी टीम ने डॉ. धनेश धनानी, डॉ गौरव चौबल और उनकी टीम डॉ संकेत शाह ने पलक के नेत्रदान की तैयारी की।

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इन लोगों में ट्रांसप्लांट किए गए पलक के अंग

पलक की एक किडनी सूरत निवासी 43 वर्षीय व्यक्ति में, दूसरी किडनी सूरत निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति में लगाई गई। वहीं, उसका लीवर वडोदरा निवासी 65 वर्षीय व्‍यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया। यह काम सूरत के किरण अस्पताल में ही हुआ। यहीं पर, दो जरूरतमंद मरीजों में आंखों का प्रत्यारोपण भी किया गया।

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पलक के पति ने बताया कि, उनकी पत्‍नी वलसाड के नंदनवन पार्क, ननकवाड़ा, हलार रोड, सामने रहती थी, और वह मॉडर्न गवर्नमेंट स्कूल, धरमपुर, डीटी में कार्यरत थी। 11 सितंबर को रात 11:30 बजे सिर दर्द और उल्टी होने पर उसे वलसाड के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सीटी स्कैन पर ब्रेन हैमरेज का पता चला। जहां से आगे के इलाज के लिए 12 सितंबर को उसे सूरत के किरण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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