एंकर सुधीर चौधरी का सवाल – ‘आदिपुरुष’ का रावण खिलजी की तरह लग रहा है क्या? मनोज मुंतशिर ने दिया ऐसा जवाब

फिल्म आदिपुरुष को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। फिल्म में रावण और हनुमान के किरदारों पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इन्हीं विषयों पर एक टीवी चैनल से बात कर रहे फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर से एंकर सुधीर चौधरी ने कई तरह के सवाल किए। जिसका जवाब मनोज मुंतशिर ने दिया।
एंकर ने पूछे ऐसे सवाल
आज तक न्यूज़ चैनल के शो में पहुंचे मनोज मुंतशिर से एंकर सुधीर चौधरी द्वारा सवाल किया गया कि क्या रावण को खिलजी जैसा दिखाया जा रहा है? जिसके जवाब में मनोज मुंतशिर ने बताया कि इस तरह की टिप्पणियां कई लोग कर रहे हैं। टीजर का जिक्र कर मनोज मुंतशिर ने कहा, ‘अभी केवल लोगों ने 1.35 मिनट का टीजर देखा है। उसमें रावण ने त्रिपुंड लगाया है, जो देखा है, उसकी ही बात कर रहा हूं। जब लोग फिल्में देखेंगे तो सारी स्थिति समझ में आ जाएगी।’
‘रावण’ वाले लुक पर मनोज ने दिया ऐसा जवाब
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है। मैं ऐसे लोगों से सवाल करना चाहता हूं कि कौन सा खिलजी रुद्राक्ष धारण करता है और कौन सा खिलजी तिलक या त्रिपुंड लगाता है।
रावण और ख़िलजी की तुलना पर,
मेरा पक्ष सुन लीजिये!@omraut @aajtak #ADIPURUSH pic.twitter.com/xBMQXZixOz
— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) October 6, 2022
मनोज मुंतशिर ने आगे कहा कि हमारे रावण को इसी छोटे से टीचर में पहने देखा जा सकता है। हर युग की बुराई का अपना एक चेहरा होता है। रावण मेरे लिए बुराई का चेहरा है। अलाउद्दीन खिलजी इस दौर की बुराई का चेहरा है। अगर वो मिलता-जुलता भी है तो हमने जानबूझकर ऐसा नहीं किया है।
मनोज मुंतशिर ने शेयर किया वीडियो
इस वीडियो को अपनी सोशल मीडिया हैंडल से शेयर करते हुए मनोज मुंतशिर ने लिखा कि रावण और खिलजी की तुलना पर, मेरा पक्ष सुन लीजिए। उनके द्वारा शेयर किए गए वीडियो पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उनका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कमेंट किया है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि वह यहां पर केवल अपना बचाव कर रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
कुश खंडेलवाल नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं कि आप बेशक लेखक हो लेकिन सनातन धर्म शास्त्रों के रचयिता नहीं हो इसलिए यह बेतुकी तुलना बंद कीजिए। रामायण का सार त्रेता युग में है कलयुग में नहीं, इसलिए आप आदिपुरुष के जरिए नई कलयुग की रामायण बनाकर कलयुग के बाल्मीकि बनने की कोशिश मत करिए। सुधीर बिश्नोई नाम के एक ट्विटर पर लिखते हैं – हमें आदिपुरुष फिल्म के टीजर पर नहीं, मनोज मुंतशिर जी के कलम पर विश्वास है। जो कभी हिंदुत्व के खिलाफ नहीं चल सकता।