8 चाणक्य नीतियां आपका दुश्मन आपके कदमों में गिर जाएगा

मगध राज्य में एक समय में महाराज नंद का शासन था. उन्होंने एक यज्ञ का आयोजन किया. इस यज्ञ में चाणक्य भी पहुंचे और दरबार के एक आसन पर जाकर बैठ गए. उन्हें आसन पर बैठा देख महाराज नंद ने उनका अपमान किया और वहां से बाहर जाने को कहा. इस पर चाणक्य ने कहा कि मनुष्य अपने गुणों से ऊपर होता है, ऊंचे आसन पर बैठने से नहीं.
हालांकि, चाणक्य को महाराज की बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने अपनी नीतियों के बल पर नंद को सत्ता से हटाकर न केवल अपमान का बदला लिया बल्कि एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बना डाला. अपने नीति शास्त्र यानी चाणक्य नीति में भी उन्होंने अपमान का जवाब देने और दुश्मन को आसानी से परास्त करने का तरीका बताया है. आइए जानते हैं इस तरीके के बारे में…
Chanakya Niti for Successful Life: व्यक्ति सफलता पाने के लिए जी-तोड़ कोशिश करता है लेकिन इसके साथ ही उसके कई दुश्मन भी तैयार होते जाते हैं, जो उसे गिराने की भरसक कोशिश करते हैं. चाणक्य नीति कहती है कि सफलता पाने की कोशिशें करने के साथ-साथ जरूरी है कि अपने दुश्मनों को मात देने का तरीका भी समय पर सीख लिया जाए. आचार्य चाणक्य की ये सलाह जो लोग मान लेते हैं, उन्हें शक्तिशाली दुश्मन भी कभी मात नहीं दे पाता है.
ये 4 चीजें सीख लेंगे तो हर दुश्मन को दे सकेंगे मात
कभी भी हिम्मत न हारें: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि चाहे कितना ही बड़ा नुकसान हो जाए या चुनौती सामने आए, कभी भी हिम्मत न हारें. अपनी सोच सकारात्मक रखें. यदि आप ऐसा करते हैं तो आधी लड़ाई आप बिना लड़े ही जीत जाएंगे. इसके बाद आपकी जीत तय है.
शत्रु को कभी कमजोर न समझें: चाणक्य नीति के अनुसार दुश्मन को कभी भी कमजोर न समझें. यदि वह आपसे कमजोर है तब भी अच्छी तरह उसकी शक्ति का आंकलन करें. वरना आप कमजोर दुश्मन से भी हार बैठेंगे.
गुस्से से काम न लें: कभी भी जल्दबाजी, गुस्से, अहंकार में आकर निर्णय न लें. ऐसा निर्णय नुकसान ही कराता है. हर पहलू को ठंडे दिमाग से सोचें समझें और फिर कदम उठाएं.
धैर्य न खोएं: यदि ताकतवर शत्रु के सामने आपको अपनी हार नजर आ रही हो तो भी धैर्य और सकारात्मकता का दामन न छोड़ें. कब बाजी पलट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. शत्रु की एक छोटी गलती आपको जीत का सेहरा पहना सकती है. बस धैर्य के साथ आपको उस गलती का फायदा उठाना होगा.