अमित शाह ने खेला ऐसा खेल नीतीश कुमार की रातों की नींद हराम हो गई, नीतीश ने सपने में भी नहीं सोचा था कि शाह उनसे इस तरह चुन चुन कर बदला लेंगे

जिस नितीश बाबू का भविष्य में सीएम बनना भी मुश्किल है, वह चले थे प्रधानमंत्री बनने का सपना पालने। लेकिन मोदी और शाह की चाल के आगे वह ऐसे फंस गए कि बेदम होकर गिर गए। बिहार से निकलकर चले थे देश में सियासी हवा बनाने, लेकिन अब पार्टी ही बची रह जाए तो बहुत बड़ी बात समझिए। बिहार में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को बुलाया, अपने आप को बहुत बड़ा नेता दिखाने के लिए पूरा माहौल बनाया। लेकिन केसीआर ने मीडिया के सामने नीतीश बाबू की लंगोट ही ढीली कर दी। जैसे ही KCR से सवाल पूछा गया कि 2024 में विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा कौन होगा?
तैसे ही नीतीश बाबू सबके सामने सीना तान कर खड़े हो गए। नीतीश को लगा था कि KCR उनका ही नाम लेने वाले हैं, लेकिन ऐसी बेइज्जती हुई नितीश बाबू शर्म से लाल पड़ गए। चंद्रशेखर राव ने उनका नाम तो लिया नहीं बल्कि उन्हें उनका कुर्ता और हाथ खींच कर जबरन बिठाते रहे। लेकिन नीतीश बाबू बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह खड़े रहे। हालांकि बाद में उन्हें किसी तरह से चंद्रशेखर राव ने बिठाया। लेकिन ये तो सिर्फ एक तस्वीर थी जहां पर नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के सपने को पलीता लगा हो। क्योंकि असली खेल तो अमित शाह ने मणिपुर में कर दिया है। असल में अमित शाह ने नीतीश कुमार से बदला लेने के लिए 5 कसमें खाई हैं, क्या हैं वो कसमें आगे बताएंगे। लेकिन उससे पहले जान लीजिए की कैसे मणिपुर में नीतीश कुमार को शाह ने 11 हजार बोल्ट का तगड़ा झटका दिया।
मणिपुर में नीतीश की पार्टी JDU के 6 में से 5 विधायक BJP में शामिल हो गए हैं… मणिपुर में इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में JDU के 6 विधायक जीते थे
लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार के सियासी पर को बीजेपी ने कतरा हो। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में 2020 में JDU के 7 में से 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था। मतलब साफ है नीतीश कुमार ने बीजेपी से बगावत करके अपने पैरों पर ऐसी कुल्हाड़ी मारी है, जिसका घाव उन्हें आखिरी सांस तक मिलता रहेगा। अमित शाह ने नीतीश कुमार के सियासी करियर को ही खत्म करने की जो कसम खाई थी, उसको उन्होंने मणिपुर से पूरा करना शुरू कर दिया है। असल में यह तो बस झांकी है बिहार में अभी असली खेल बाकी है।
लालू के लाल के साथ मिलकर नीतीश कुमार कितने दिनों तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रह पाएंगे कोई इस पर भी कुछ नहीं कह सकता। क्योंकि अमित शाह ने वहां के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार कर लिया है। शाह का दूसरा बदला बिहार में जेडीयू के विधायकों को तोड़कर बीजेपी के साथ खड़ा करने का है। और जैसे ही शाह अपना काम पूरा कर पाएंगे नीतीश कुमार की सीएम वाली कुर्सी अपने आप खिंच जाएगी। जिसके बाद नीतीश पीएम बनने का सपना तो दूर सीएम बनने का ख्वाब भी नहीं पाल पाएंगे।
माना जा रहा है कि अमित शाह ने बिहार में जेडीयू के विधायकों को अपने पक्ष में लाने का जो दांव चला था वह एकदम सटीक जगह पर बैठा है। खबरों की मानें तो नीतीश कुमार के कई करीबी विधायक अमित शाह के संपर्क में हैं। मतलब ये कि नीतीश के करीबी लोग भी अब उन्हें किसी भी वक्त धोखा दे सकते हैं। या यूं कहें कि जिस तरह से उन्होंने बीजेपी के पीठ में छुरा भोंका था ठीक उसी तरह से उनके विधायक भी अब उन्हें धोखा देने वाले हैं।क्योंकि बीजेपी के साथ इतने दिनों तक रहते हुए उन्होंने जिस तरह से बगावत की है उससे पार्टी के नेता भी आप खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। उन्हें डर है कि नीतीश कुमार उन्हें कभी भी दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फेंक सकते हैं।
और इसीलिए माना जा रहा है कि वह बीजेपी के साथ आना चाह रहे हैं। अब शाह कितनी जल्दी वहां पर सेंध लगाएंगे ये तो देखने वाली बात होगी। लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो शाह की तैयारी 2024 में असली खेल करने की है। क्योंकि नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन 24 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही छोड़ा है। असल में नीतीश कुमार का सपना है कि वह भी मोदी की तरह प्रधानमंत्री बने। और इसी सपने को पूरा करने के लिए नीतीश ने बीजेपी से अलग होकर बुढ़ापे में वो जुआ खेला है, जहां से हारने के बाद उनके पास कुछ नहीं बचेगा। वैसे आपको क्या लगता है 2024 के चुनाव में क्या विपक्ष नीतीश कुमार को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगा कमेंट कर जरूर बताएं।