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4 महीने तक इन 3 राशियों पर भारी रहेंगे केतु ग्रह, रिश्तों में अनबन के साथ जीवन में बढ़ सकती हैं मुसीबतें!

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक एक निश्चित अवधि के अंतराल पर प्रत्येक ग्रह गोचर करता है। ज्योतिष के अनुसार होने वाले सभी गोचर का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। इसके साथ ही ग्रहों का यह परिवर्तन किसी के लिए शुभ तो किसी के लिए अशुभ होता है।

आपको बता दें कि छाया ग्रह केतु 12 अप्रैल 2022 को तुला राशि में प्रवेश कर चुका है। केतु, वर्ष 2023 तक तुला राशि में विराजमान रहेंगे। इसलिए केतु ग्रह के इस परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन ऐसी 3 राशियां हैं जिनके लिए यह 4 माह बेहद कष्टकारी साबित हो सकते हैं, आइए जानते हैं कौन सी हैं ये 3 राशियां…

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तुला राशि के लिए केतु गोचर 2022

तुला राशि के जातक आसपास के लोगों के साथ मेलजोल करना पसंद नहीं करेंगे। इस समयावधि के दौरान आपका झुकाव गुप्त रहस्यों और तंत्र को सीखने की ओर भी हो सकता है। आप अकेले कुछ समय बिताने के लिए यात्रा की कुछ योजनाएं बनाएंगे। आप अपने आस-पास की हर चीज से असंतोष महसूस करेंगे। इस समय के दौरान आप अपने प्रेमी या जीवनसाथी के साथ वैराग्य का भाव भी रखेंगे। आप अपने व्यवसाय के लिए नई नीतियों और विचारों को पेश करना चाहेंगे, हालांकि इस अवधि के दौरान कुछ नया करना उचित नहीं है क्योंकि सफलता की दर बहुत धीमी होगी।

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मीन राशि के लिए केतु गोचर 2022

मीन राशि के जातकों को अपनी चीजों को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि पेशेवर मोर्चे पर आसानी से सफलता नहीं मिलेगी। अनैतिक रूप से वित्तीय लाभ के पीछे न भागें क्योंकि लंबे समय में वे बड़े नुकसान लाएंगे। आप इस अवधि के दौरान अंतरंग क्षेत्र में कुछ त्वचा रोगों और वायरल संक्रमण से पीड़ित हो सकते हैं। आपको पैसे उधार देने से भी बचना चाहिए क्योंकि आप ठगे जा सकते हैं और जाल में फंस सकते हैं। संबंधों पर ध्यान दें इस समय छोटी-मोटी बातों के कारण आपके प्रियजन आपसे नाराज हो सकते हैं।

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वैदिक ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है। यदि किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु की छाया है तो उनके जीवन में किसी न किसी तरह का संकट बना रहता है। ऐसे लोगों के जीवन में एक समस्या के समाधान होने के साथ ही दूसरी समस्या सामने आ जाती है। राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति दिलाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय हैं, जिससे राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और शुभ फल की भी प्राप्ति होती है। यदि आप भी राहु और केतु के दुष्प्रभाव से परेशान हैं तो ये उपाय आजमा सकते हैं –

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– राहु-केतु छाया ग्रह हैं इसलिए दुर्गा पूजा करने से इन ग्रहों के प्रभावों को शांत किया जा सकता है। क्योंकि देवी दुर्गा को छाया रूपेण भी कहा गया है। – नाग पर नाचते हुए कृष्ण की तस्वीर को सामने रखकर रोज 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हैं तो उससे भी राहु और केतु दोष कम होता है। – राहु-केतु छाया ग्रह हैं इसलिए दुर्गा पूजा करने से इन ग्रहों के प्रभावों को शांत किया जा सकता है। क्योंकि देवी दुर्गा को छाया रूपेण भी कहा गया है।

नाग पर नाचते हुए कृष्ण की तस्वीर को सामने रखकर रोज 108 बार ओम नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हैं तो उससे भी राहु और केतु दोष कम होता है। – राहु-केतु की प्रतीक सामग्री किसी को दान करने से भी इनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। – राहु-केतु दोष कम करने के लिए रोज इनके बीज मंत्रों का जप करें। शिव सहस्रनाम और हनुमत सहस्त्रनाम भी रोज किया जा सकता है।

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