दुनिया में आने ऐसा दौर आने वाला है… अगर मोदी मुंह फेर तो कई देश कंगाल

बर्बाद हो गई श्रीलंका की अर्थव्यवस्था, कंगाल हो गया पाकिस्तान
सुपरवापर अमेरिका में भी बेहाली लेकिन मोदी ने भारत को बचा लिया
दुनिया में आने ऐसा दौर आने वाला है… अगर मोदी मुंह फेर तो कई देश कंगाल
एक रिसर्च का दावा… भारत से दोस्ती कर लो, वरना ना नौकरी बचेगी, ना पैसा
आपने बिल्कुल सही सुना कई सालों बाद दुनिया के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती आकर खड़ी हो गई है.. अगर मोदी मुंह फेर तो दुनिया में नौकरी की कमीन हो जाएगी.. अगर भारत दोस्ती तोड़ ले तो भूखे रहने की नौबत आ जाएगी. जैसे गेंहू संकट के बीच भारत एक संकटमोचक की तरह उभर कर सामने आया. ठीक उसी तरह अब भारत दुनिया की एक बार फिर से बहुत बड़ी मदद करने जा रहा है.. संकट ऐसा है जिसकी चपेट में आकर ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े बड़े देश कंगाल हो सकते हैं. लेकिन दुनिया के दो ऐसे देश हैं, जो इस मंदी के आगे भी घुटने नहीं टेकेंगे। कौन हैं वो देश बताएंगे, कैसे वो खुद को बचाएँगे ये भी समझाएंगे, लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए की मंदी क्यों आने वाली है।
लॉकडाउन से पस्त हो चुके कई देशों के बैंक, महंगाई पर क़ाबू पाने के लिए लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं
महंगी ब्याज दरों की मार सीधे देश की जनता पर पड़ती है, और उसके लिए कोई भी चीज़ खरीदना मुश्किल हो जाता है
जैसे जब आप इएमआई पर कोई सामान ख़रीदते हैं तो उसपर आपको एक ब्याज देनी होती है, लेकिन जब ब्याज ही ज्यादा होगी तो सामान ख़रीदने से पहले आप सौ बार सोचेंगे। यही वजह है कि जिन देशों में अभी वहाँ के बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया है, वहाँ की अर्थव्यवस्था उबरने की बजाय मंदी में जा सकती है। नोमुरा के अनुमान के मुताबिक़ अमेरिका जैसा ताक़तवर देश भी इसकी मार से नहीं बच पाएगा। आपको याद होगा कि कुछ दिनों पहले जैसे ही अमेरिका के बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाया था, पूरी दुनिया के शेयर मार्केट धड़ाम से नीचे गिरे थे, लेकिन भारतीय मार्केट गिरने के बाद संभल गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मोदी ने सही समय पर सही फ़ैसले लिए और कोरोना काल में देश को बचा लिया। विरोधी भले ही आज मोदी को कितना भी कोस लें, लेकिन सच यही है कि मोदी ने ही देश को बचाया। मोदी ने बैंकों को साफ़ निर्देश दिया कि जनता पर बोझ नहीं बढ़ना चाहिए। और यही वजह है कि जब पड़ोसी देशों के हाल बेहाल हैं तब भी भारत पूरी मज़बूती से खड़ा है। यूक्रेन युद्ध का शुरूआती दौर अगर आपको याद हो तो, जब पूरी दुनिया अनाज संकट के जूझ रही थी, तब मोदी ने उन देशों को गेहूं देकर उनकी मदद की। जिसके बाद वो भुखमरी से बच सके। क्योंकि
गेहूं का सबसे ज्यादा निर्यात रूस करता है, जबकि यूक्रेन भी उसके ठीक पीछे खड़ा है।
लेकिन जब जंग शुरू हुई तो दोनों देशों से गेहूं दुनिया के बाक़ी देशों तक नहीं पहुँच पा रहा था, जिसकी वजह से तमाम देश अनाज ना होने से महंगाई की मार झेलने लगे थे। लेकिन तब मोदी ने उस समय उन देशों की मदद की और उन्हें ना सिर्फ़ भुखमरी से बचाया, बल्कि उनकी डूबती हुई अर्थव्यस्था को भी पार लगाया। माना जा रहा है कि भारत जो मंदी से बचा रहेगा वो ही दुनिया के बाक़ी देशों को भी मंदी से बचने में मदद करेगा। क्योंकि अमेरिका जैसे देश में भी इस समय महंगाई पिछले चार दशकों में सबसे ज़्यादा हो गई है।
अमेरिका में अभी महंगाई दर 8.5 फीसद है, अमेरिका के लोगों ने चार दशकों से इतनी महंगाई नहीं देखी थी।
यही हाल ब्रिटेन में भी है। ब्रिटेन में महंगाई ने लोगों का हाल-बेहाल कर रखा है। महंगाई दर 30 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है।
अमेरिका और ब्रिटेन ही नहीं बल्कि, जर्मनी भी महंगाई की तगड़ी मार झेल रहा है। यहां मुद्रास्फीति दर 7.3 फीसदी पर पहुंच गई है, जो कि साल 1981 के बाद से सबसे अधिक है। जर्मनी में पानी, बिजली, गैस सब कुछ काफ़ी महंगा हो गया है। लेकिन भारत में अभी महंगाई पर मोदी ने लगाम लगा रही है। यही वजह है कि दुनिया के तमाम देश मोदी की तरफ़ काफ़ी उम्मीद से देख रहे हैं, उन्हें भरोसा है कि वो मोदी ही हैं जो इस आर्थिक संकट से उबार पाएंगे। अब मोदी कैसे इन देशों की अर्थव्यवस्था को बचाएंगे ये तो वक़्त बताएगा। लेकिन ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा होल्डिंग्स ने अनुमान लगाया है कि भारत और चीन पर आ वाले दिनों में मंदी की मार नहीं पड़ेगी। वैसे इस रिपोर्ट पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं