पितृ पक्ष में जो लोग करते हैं ये 5 काम, उन पर देवी लक्ष्मी रहती हैं हमेशा मेहरबान

पितृ पक्ष आरंभ हो चुके हैं और इस समय यमराज पूर्वजों को अपने परिजनों से मिलने के लिए मुक्त कर देते हैं। इसलिए उनका श्राद्ध और तर्पण विधि करके उनको प्रसन्न किया जाता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता है कि अगर मरने वाले व्यक्ति का श्राद्ध नहीं किया जाए तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे वह दुखी और नाराज हो जाता है। इसलिए पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियों का चयन किया जाता है, जिससे ब्राह्मण भोज करवाया जा सके।
पितृ पक्ष बहुत शुभ समय होता है क्योंकि पूर्वज अपने परिजनों से मिलने आते हैं और जाते समय सुख समृद्धि और ऐशवर्य का आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान अगर कुछ कार्य ऐसे हैं, जिनके करने से उन पर मां लक्ष्मी हमेशा मेहरबान होती है और पितर भी शुभ आशीष देकर जाते हैं। इन कार्यों के करने से ना सिर्फ बिगड़े कार्य बन जाते हैं बल्कि पितृदोष भी खत्म हो जाता है। आइए जानते हैं पितृ पक्ष कौन से कार्य करने चाहिए…
बनने लगते हैं बिगड़े कार्य
पितरों का श्राद्ध हमेशा उसी तिथि में करना चाहिए, जिस तिथि में वह परलोक गए थे। मृत्यु तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और साथ में अगर दामाद, नाती अथवा भांजा सम्मिलित कर लिया जाए तो यह और भी उत्तम माना जाता है। भोजन के उपरांत सभी को यथाशक्ति धन-दक्षिणा देकर उनको विदा करके आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृदोष भी हटता है। साथ ही बिगड़े हुए कार्य भी बनने लगते हैं।
घर में बढ़ती है सुख-समृद्धि
पितृ पक्ष में हर रोज पितरों के नाम से जल तर्पण करना चाहिए और अगर संभव हो तो हर रोज अन्यथा श्राद्ध वाले दिन कबूतर और कौए के लिए भोजन का एक हिस्सा निकालकर उनके लिए घर की छत पर रख दें। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में कौआ आपके दिए हुए अन्न को आकर ग्रहण कर ले तो वह सीधे पितरों को जाता है। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
पितृ पक्ष में करें पंच ग्रास दान
श्राद्ध वाले दिन पंच ग्रास दान का विशेष महत्व है। पंच ग्रास दान में गाय, बिल्ली, कौआ, कुत्ता और सुनसान जगह पर भोजन का एक-एक भाग रख देना चाहिए और लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। पितृ इनके खाए हुए भोजन से तृप्त हो जाते हैं और प्रसन्न होकर वंशजों को स्नेह आशीर्वाद देते हैं।
मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न
पितृ पक्ष में घर पर कोई भी अतिथि या फिर जरूरतमंद व्यक्ति आपके द्वार पर आए तो उसके लिए भी आदर समेत भोजन-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए और जाते समय खाली हाथ ना लौटाएं। पितर कोई भी रूप लेकर आपके दरवाजे पर आ सकते हैं इसलिए हर किसी का इस समय आदर करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी भी आप पर मेहरबान होती हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
पितर होते हैं प्रसन्न
पितृ पक्ष का समय पूर्वजों का ध्यान करना चाहिए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। इस समय पितर अपने परिजनों के यहां आते हैं इसलिए घर में प्रेम व सद्भाव बनाकर रखना चाहिए और सात्विक भोजन करना चाहिए। पितृ पक्ष में ध्यान रखें कि ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से पितर काफी प्रसन्न होते हैं और सदा खुश रहने का आशीर्वाद भी देते हैं।