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वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री को दिया बड़ा शाॅक मोदी तो क्या अमित और राजनाथ भी ऐसा नही सोच सकते थे

अगर मोदी दूर की सोचते है तो इस बार वरुण गांधी ने मोदी से भी दूर की सोच ली,

जो नेहरू, इंदिरा से नही हुआ, ना ही राजीव कर पाए और तो और मोदी भी अपने 2-2 कार्यकाल मे नही कर पाए, लेकिन वरुण ने कुछ ऐसा कर डाला की मोदी से भी बड़ा इतिहास लिख डाला,

देश में कोई सेना-सेना कर रहा है, कोई शिवसेना-शिवसेना कर रहा है, और इसी बीच देश के एक सांसद ने ऐसा फैसला लिया है , कि 2 बार से खुद सांसद बन रहे , प्रधानमंत्री मोदी भी सपने में कभी ऐसा ना कर पाए ,

वरुण गांधी के फैसले समझने से पहले आपको कुछ आंकड़े समझने पड़ेंगे, जिसे सुन आप भी कहेगें, वाह वरुण गांधी वाह,

एक सांसद को हर महीने एक लाख रुपये की सैलरी मिलती है, उपर से दैनिक भत्ता यानी Daily Announces 2 हज़ार दिन का मिलता है, यानी एक महीने मे 60000 रुपये,

संविधानिक भत्ता एक महीने का 45000 रुपये मिलता है,

(Office allownces) यानी कार्यालय भत्ता एक महीने मे 45000 रुपये महीने मिलता है,

अगर इन सबको जोड़ दे, तो हर महीने 2.50 लाख रुपये बनते हैं,

इसके अलावा यात्रा भत्ता अलग से जिसमे रेल टिकट और हवाई यात्रा का टिकट फ्री मिलता है,

ये सारी सुविधाय तब मिलती है, जब आप एक सांसद हो, लेकिन जब कोई सांसद रिटायर हो जाता है, तब भी वो मालामाल रहता है,
उसे 20 हज़ार रुपये की हर महीने की पेंशन मिलना तय है, इसके अलावा जीतने साल तक वो सांसद रहा, प्रतिवर्ष 1500 रुपये सालाना जोड़कर उसके पेंशन मे शामिल किया जाता है,
Plus फस्ट क्लास एसी मे फ्री की यात्रा , फ्री मे फैमिली पेंशन मिलती है,
अगर आप एक दिन के लिए भी सांसद बन गए, तो आप पेंशन की सारी सुविधाओ के हकदार होंगे, लेकिन दूसरी तरफ देश की सीमा पर देश की रक्षा करने वाले अग्निवीरो को पेंशन नहीं मिलेंगी, वरुण गांधी ने आज एलान कर दिया, कि वो इस पेंशन को नहीं लेंगे, प्रधानमंत्री भी वीवीआईपी सुविधाओ को बंद करने की बात करते रहे.. फ्री की भी सुविधाओ को बंद करने बात करते रहे, लेकिन कभी भी सांसदो को मिलने वाली पेंशन को बंद करने की बात नही की, बल्कि अग्निवीरो की पेंशन जब बंद हुई, तो मांग उठी कि सांसदो की भी पेंशन बंद होनी चाहिये, ऐसे मे वरुण गांधी ने ये फैसला लेकर बीजेपी और प्रधानमंत्री को भी Surprice कर डाला,
मोदी ने ऐसा सोचा भी नहीं होगा कि वरुण गांधी भी ऐसा कर सकते है,
जो बात मोदी के जेहन मे भी नही आई,वरुण गांधी ने उसका पालन भी कर लिया, यानी मोदी की सोच से 2 कदम आगे निकल गए, वरुण गांधी,

आप वरुण गांधी के फैसले पर क्या सोचते हैं, हमें कंमेंट बॉक्स मे लिखकर बताये,

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