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धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में घर पर स्थापित करें यह यंत्र

वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस पर कुबेर यंत्र स्थापित करना मंगलकारी साबित होता है। साथ ही धन के देवता कुबेर की कृपा बनी रहती है।

वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी​ तिथि को मनाते हैं। इस दिन धन के देवता कुबेर और धंवन्तरि देव की पूजा- अर्चना की जाती है।  इस साल धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार धनतेरस के दिन किए गए उपाय सिद्ध हो जाते हैं। इसलिए अगर शुभ मुहूर्त में घर पर कुबेर यंत्र स्थापित किया जाए, तो धन के देवता कुबेर की कृपा बनी रह सकती है।  इस दिन वहीं इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बनने जा रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। आइए जानते हैं कुबेर यंत्र स्थापित करने के नियम और महत्व

जानिए यंत्र स्थापित करने का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर कुबेर यंत्र प्रदोष काल में स्थापित कर सकते हैं। प्रदोष काल का समय 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस समय कुबेर यंत्र स्थापित करना शुभ फलदायी रहेगा। इस यंत्र के साथ मां लक्ष्मी का चित्र या मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं।

जानिए कुबेर यंत्र के लाभ

इस यंत्र को स्थापित करने से कुबेर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख- समृद्धि का वास रहता है। कारोबारी इस यंत्र को धन स्थान मतलब अपनी तिजोरी या गल्ले में रख सकते हैं। ज्योतिष अनुसार इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है। व्यापार अच्छा चलता है। धन में वृद्धि होती है। बिजनेस में तरक्की और नौकरी में प्रमोशन के लिए भी इस यंत्र को कल्याणकारी माना गया है। इसको स्थापित करने के बाद इसको सुबह शाम घूप या अगरबत्ती दिखानी चाहिए। जिससे इसका प्रभाव बना रहता है। कुबेर यंत्र के स्वामी बृहस्पति ग्रह को माना जाता है। इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से गुरु ग्रह की भी कृपा प्राप्त होती है।

स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा करा लें या फिर आप खुद भी कर सकते हैं। बाजार में कुबरे यंत्र अष्टधातु, भोजपत्र, ताम्रपत्र आदि पर बना हुआ मिल जाता है। इसको स्थापित करने के बाद 108 बार कुबेर जी के बीज मंत्र का जाप करें।
कुबेर यंत्र का बीज मंत्र – ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:

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