वो कहती थी मोदी के खिलाफ लिखो.. मीडिया वाले लिखते थे, एक पार्टी से जैसा जैसा निर्देश आता था.. ठीक वैसा-वैसा ही होता था

मोदी को बदनाम करने के लिए वो कुछ भी कर सकती थी
बदले में मोटी रकम मिलती जिससे वो ऐश करती थी
कहानी 20 साल पुरानी है लेकिन सुनेंगे तो आंखे खुली की खुली रह जाएंगी
वो कौन था जो मोदी और अमित शाह को बदनाम करवाता था ?
देश में..विदेश में..मीडिया वाले…NGO वाले… सब आजकल एक ही एजेंडा चला रहे हैं.और उस लेडी को बचाना चाहते हैं जो मोदी और अमित शाह बदनाम करने की स्क्रिप्ट तैयार करती थी. ये स्क्रिप्ट कैसे तैयार होता था… किसके इशारे पर तैयार होता था सुनकर हैरान हो जाएंगे आप. आपको डिटेल में सबकुछ बताएँ उसस पहले एक खुलासे पर नजर डालिए.. तीस्ता सीलवाड़ को तो जानते ही होंगें आप… कभी उसी तिस्ता का खास हुआ करता था रईस खान.. मोदी विरोधी स्क्रिप्ट की राइटर और सूत्रधार तीस्ता सीतलवाड़ है..तो रईस ख़ान..तीस्ता के फर्ज़ीवाड़े का सबसे बड़ा राज़दार है..
मोदी को बदनाम करने के लिए..बीजेपी की सरकार गिराने के लिए..तीस्ता ने कितनी कहानियां बनाई..कैसी कैसी कहानियां सुनाई..और इसके पीछे कितने किरदार बनाए.सुनकर दंग रह जाएंगे आप. क्यों आज हम तीस्ता के गुनाहों की पूरी चार्जशीट खोलने जा रहे हैं.
रईस खान कभी तीस्ता सीलवाड़ का राइट हैंड हुआ करता था. लेकिन अब जब रईस खान कैमरे पर आया तो उसने हैरान करने वाला खुलासा किया है. रईस खान ने बताया है कि मोदी को बदनाम करने वाले गैंग में तीस्ता अकेली नहीं है..लेफ्ट..राइट और सेंटर..देश के भीतर..देश के बाहर.. एक पूरा का पूरा मजमा काम कर रहा है.. जो आज से नहीं 20 साल से एक्टिव है
रईस खान ने तीस्ता सीतलवाड़ को कफन का सौदागर कहा है
उसने बताया है कि मोदी को टारगेट करना ही था मकसद तीस्ता का एकमात्र उदेश्य होता था
रईस खान ने तीसरे खुलासे में बताया है कि एक बड़े राजनीतिक परिवार के ऑर्डर पर सारा खेल हुआ
चौथा खुलासा हुआ है कि ऐसा करने के लिए तीस्ता सीलतवाड़ को विदेशों से फंडिंग मिलती थी
रईस खान ने कुछ और हिला देने वाला दावा किया है. कांग्रेस से लेकर लेफ्ट तक..IPS ऑफिसर्स से लेकर बड़े बड़े बुद्धिजीवियों तक..मोदी को बदनाम करने वाला ये गैंग मोदी
गुजरात आने से पहले तीस्ता एक अंग्रेजी अखबार में काम कर चुकी थी…इसलिए मोदी की निगेटिव छवि बनाने कि लिए तिस्ता ने मीडिया का ही रास्ता चुना. कुछ फैब्रिकेटेड पत्रकारों के जरिए तीस्ता का काम आसान हो गया. तीस्ता ने गुलबर्गा, नरोडा पाटिया, नरोडा गांव, ओड, सरदारपुर में पीड़ितों को न्याय दिलाने की लड़ाई..जमीन पर कम, मीडिया और फंडिंग एजेन्सी, देसी-विदेशी दानदाताओं के सामने अधिक लड़ी…और इसके पीछे की नीयत में भी एक खोट थी..वो था पैसे का लालच…तीस्ता ने फंड तो खूब इकट्ठा किए..लेकिन..पीड़ितों की भलाई के लिए नहीं..अपनी कमाई के लिए..बीजेपी की..और मोदी की बदनामी के लिए..
और ये सब बता रहा है तीस्ता का राइट हैंड रईस खान
एक वक्त आया कि रईस ने तीस्ता का कच्चा चिट्ठा खोल दिया.. फिर भड़की हुई तीस्ता ने रईस खान को अपने एनजीओ से अलग कर दिया.. और जब रईस ने जवाब मांगा..तो धमकाते हुए तीस्ता ने ये तक कह दिया..कि केन्द्र की UPA सरकार से उसके कॉन्टैक्ट्स हैं..इसलिए संभल कर रहो…
जब केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तो तीस्ता को कई अवार्ड मिल चुके हैं. मोदी की दुर विरोधी और मोदी विरोधी ब्रांडिंग के लिए तीस्ता को खूब सारा पैसा मिला. साल 2010 में रईस ख़ान ने एक एफिडेविट फ़ाइल की थी..इसी एफिडेविट में रईस ख़ान ने तीस्ता के Fraud का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया था..
रईस खान ने तब बताया था कि तीस्ता जो एफिडेविट तैयार करती थीं..उसे गोधरा पीड़ितों से नोटरी करवा कर अपने पास रख लेती थी..
तीस्ता अपनी मर्जी से पीड़ितों की जानकारी के बगैर..एफिडेविट में कुछ ऐसे पैराग्राफ डाल देती थी जिससे मोदी को डायरेक्ट टारगेट किया जा सके. .मोदी के खिलाफ मज़बूत केस बनाया जा सके.. लेकिन जब पीड़ित SIT के सामने जाते थे तो उनके बयान अलग होते थे. एक बार की बात है तीस्ता ने एक और चश्मदीद नन्नूमियां के एफिडेटिव में ये फिट कर दिया..कि वो आग में झोंके गए 5 लोगों का Eye Witness है..और जब यही नन्नूमियां SIT के सामने पेश हुए..तो साफ साफ कहा..कि उनके सामने ऐसा हुआ ही नहीं. वो हैरान थे कि कैसे और किसने एफिडेविट में डाला
मोदी के खिलाफ साजिश करने वाली तीस्ता अब खाकी की हिरासत में है. ऐसे लोगों को क्या सजा मिलनी चाहिए. हमें कमेंट बॉक्स जरूर बताइएगा